शायरी#47
तुम चाहो या न चाहो
यही दस्तूर हैं जमाने का
कहानी से जियादा उसपर
तब्सिरा करते जाने का
© Spiritajay
यही दस्तूर हैं जमाने का
कहानी से जियादा उसपर
तब्सिरा करते जाने का
© Spiritajay
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