...

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इंसान कहां जीता है बिखर के...✍
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ,
बिखर जायेगा ना हठ कर ;🥀
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
इंसान कहां जीता है बिखर के...✍

बिखर गए तो संभल ना पाओगे,
गिरके उठोगे, फिर गिर जाओगे,🥀
हौसले कहा टीकता है गिरके के,
इंसान कहां जीता है बिखर के...✍

(Aap Sbhi Comment Jrur Kre And Btaye ki Poetry Aapko Psnd Aa rhi h ya nhi...😊)

© Miss Writer