...

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एक रिश्ता
मैं धन नहीं दोलत नहीं बस
एक रिश्ता माँग रही हूँ।
कोई ज़मीन नहीं कोई जायदाद नहीं बस
एक रिश्ता माँग रही हूँ।
कोई नाम नहीं कोई पहचान नहीं बस
एक रिश्ता माँग रही हूँ।
नाहीं कोई ख्वाब नाहीं कोई खयाल बस
एक रिश्ता माँग रही हूँ।
जहाँ ना कोई सवाल हो
नाहीं सवाल की कोई गुंजाइश।
खुशियाँ तो सब बाँटते हैं
एक रिश्ता जहाँ मैं आसु बाँट।
कुछ तेरे कुछ मेरे बातें बाँटू।
मैं रोऊ या वो हम बस कन्धा बाँटे
खुशियों में साथ रहे या ना रहें
ग़म में बस पास रहें।
बिना सवाल के वो साथ रहें।
बस हाथों में हाथ रहे।
जिसके पास सवाल तो ना रहें
पर सारे सवालों के जवाब रहें।
जिसके बाहों में अपनेपन का एहसास रहे।
जिस पर मेरा आटूट विस्वास रहें
बस एक रिश्ता जो जीवन भर साथ रहें।
बस एक रिश्ता जो हर वक्त मेरे पास रहें।