...

5 views

-: प्रेम :-
उम्र दरिया प्रेम का ,
जो बोय सो पाय ,
बिन बाती बिन घी दीपक जले ,
प्रेम आग जो दिल में होय ,
अश्रु के मोती बहे ,
सांसो की माला जपे ,
जे प्रीत प्रियतम की होय ,
प्रेम करे सो पछताय है ,
न करे सो कँवारा रह जाय ,
बंधन का ब्याह सब करे ,
मुक्ति का प्रेम करे न कोय ,
जे करे कोई मुक्ति का प्रेम ,
वो कभी समाप्त न होय ।


© Adv. Dhanraj Roy kanwal