...

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तुम बदल गए हो
पैसो की लालच में तुम फिसल गए हो,
समय के साथ तुम बदल गए हो....

अच्छाई और इंसानियत तुम्हारी ताकत था कभी,
तुम दिन रात करते थे सभी का अच्छा चाहे हो वो अजनबी,
अब पैसा बन गया है तुम्हारा मज़हब और ईमान,
अब पैसो मे ही बस्ती है तुम्हारी जान,
पैसो की लालच में तुम फिसल गए हो,
समय के साथ तुम बदल गए हो....

खुदगर्ज़ थी दुनिया तब तुम उनके मददगार थे,
तुम्हारी अच्छाई के कारण तुम बने मेरे प्यार थे,
अच्छाई की तुम हुआ करते थे कभी झलक,
अब तुम्हारे अंदर है बस पैसा और अच्छाई हो गयी है अलग,
पैसो की लालच में तुम फिसल गए हो,
समय के साथ तुम बदल गए हो....

तुमसे मिलकर लगा था कि तुम्हारे साथ जीवन बहुत अच्छा जाएगा,
यह इंसान एक दिन दुनिया को इंसानियत सिखाएगा,
तुम्हें देख के लगा तुम हो मेरे राम और मैं तुम्हारी सिया,
ज़िन्दगी के बीच सफर में तुमने गलत मुझे साबित कर दिया,
पैसो की लालच में तुम फिसल गए हो,
समय के साथ तुम बदल गए हो.....

तुम्हारी तरक्की की उड़ान से थी मैं बहुत खुश,
तुम्हारी हद से ज़्यादा लालच ने कर दिया मुझे मायूस,
पैसो की लालच में तुम फिसल गए हो,
समय के साथ तुम बदल गए हो....

अपनी अच्छाइयों से तुमने अपनी इज़्ज़त खुद से मेरी नज़रो में बनाई,
आज लालच के घेरे ने उस इज़्ज़त की कर दी सफाई,
जीवन तुम्हे यह कैसे डगर पे है लाई,
तुम भूल गए हो सब अच्छाइयों और अपने रिश्तों को,
तुम भूल चुके हो इंसानियत के फरिश्तो को,
पैसो की लालच में तुम फिसल गए हो,
समय के साथ तुम बदल गए हो....

आने वाले समय मे होगा शायद तुम्हारे पास बहुत सारा पैसा,
लेकिन खुशियो का जीवन नही होगा आज है जैसा,
आगे चल कर तुम बहुत अमीर बन जाओगे,
लेकिन रिश्तो और जीवन की गहराइयों को कभी नही सिख पाओगे,
अभी के समय मे पैसा बहुत सारा आ रहा है,
लेकिन गौर से देखो तुम्हारा सुकून और जीवन नीचे जा रहा है,
अभी भी सँभल जाओ गलत रास्ते पर हो तुम,
एक दिन लालच के पीछे भागते भागते तुम हो जाओगे गुम,
पैसो की लालच में तुम फिसल गए हो,
समय के साथ तुम बदल गए हो.....










© DM मन की बातें