...

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For my big bro 😂
कभी दरीचे पे बैठे
कभी पलंग पर लेटे
रोज़ तेरे सपने बुनता हूँ
तू नहीं है तो हर घड़ी
तेरा रस्ता तकता हूँ
किस रंग की क़मीज़ पह्नु
इसी उलझन में रहता हूँ
कभी जो बटन टूट जाए
बिना टाके ही पहनता हूँ
तेरे साथ वाली चाय भी
रोज़ अकेले ही पीता हूँ
कभी दोस्तों से कभी खुद से
तेरे बारे में ज़िक्र करता हूँ
शहर शहर गली गली
आज कल तुझे ही ढूंढता हूँ
तुझसे मिलूंगा तो क्या कहूंगा
खुदी से मैं ये सवाल करता हूँ
तू बहुत जल्द आएगी ये वादा
छोटे भाइयों से रोज़ करता हूँ

मेरे खाबों में आने वाली
मेरे सपनो में रहने वाली
तू कब आएगी
न जाने तू कब आएगी
© (✍)Roshan Rajveer