3 views
सुबह
एक सुबह ,तेरी हुई
एक सुबह मेरी भी
तेरी पूरीईईई, मेरी
अधूरी
चौखट से जाती हुई
चौखट किनारे
दूर होता, गया
चौखट वहां से
मिट्टी की सौंधी सौंधी
खुशबू से
यादें लिए दिल चला रे
एक सुबह ,तेरी हुई
एक सुबह मेरी भी
पन्ने बंटोरे इतने दिनों से
यादें खरीदें उसको समेटे
मन के गली में इतने झरोखे
लिए जा रहा रे।
© Gitanjali Kumari
एक सुबह मेरी भी
तेरी पूरीईईई, मेरी
अधूरी
चौखट से जाती हुई
चौखट किनारे
दूर होता, गया
चौखट वहां से
मिट्टी की सौंधी सौंधी
खुशबू से
यादें लिए दिल चला रे
एक सुबह ,तेरी हुई
एक सुबह मेरी भी
पन्ने बंटोरे इतने दिनों से
यादें खरीदें उसको समेटे
मन के गली में इतने झरोखे
लिए जा रहा रे।
© Gitanjali Kumari
Related Stories
4 Likes
0
Comments
4 Likes
0
Comments