...

6 views

एहसास ए मोहब्बत
जलाओ इस तरह दिल को,कि जलकर राख हो जाये।
सितम इतने करो कि दिल की हर तमन्ना खाक हो जाये।।
मेरी खुशियों के फूलों से,सजा लो इस तरह खुदको ।
झुकी तू बोझ से गुल की,चमन की शाख हो जाये।।
मगर इतना करम करना, न कहना बेवफा मुझको।
मोहब्बत रुस्वा हो भी अगर, कहीं नापाक न हो पाये।।
मेरी तरसती जवानी पर,यह एहसान भी करना तुम।
कत्ल करना भी अगर तो ऐसे कि खंजर साफ हो जाये।।