तुम्हारा तक़ब्बुर और प्यार
हम जिसपर मर मिट जाँए, वो गम व सितम तुम हो पाओगे कहाँ ?
पर हम जब चाहें, तुम जैसे को बेशक खड़ा कर सकते है यहाँ ।।
चन लम्हों वाली जिस हुस्न की मिल्कियत पे है तुम्हें इतना नाज़ ।
लूट जाएगी किसी न किसी पे वो, छिपी है न छुपेगी किसी से ये राज़ ।।
मोहब्बत का प्याला भला… तुम जैसे सरफिरे से हम...
पर हम जब चाहें, तुम जैसे को बेशक खड़ा कर सकते है यहाँ ।।
चन लम्हों वाली जिस हुस्न की मिल्कियत पे है तुम्हें इतना नाज़ ।
लूट जाएगी किसी न किसी पे वो, छिपी है न छुपेगी किसी से ये राज़ ।।
मोहब्बत का प्याला भला… तुम जैसे सरफिरे से हम...