देहरी पर ठिठकी धूप
देहरी पर ठिठकी धूप का पसर जाना जरूरी है
गर है मुहब्बत तो उसका नजर आना जरूरी है
हसरतें रख,कर रोज कोशिशें भी कामयाबी की
जो हासिल है उसी को मुकद्दर माना जरूरी है
है आलिम के घर में रौनकें हजार फिर भी
गरीबों के घर में भी हो गुजर माना जरूरी...
गर है मुहब्बत तो उसका नजर आना जरूरी है
हसरतें रख,कर रोज कोशिशें भी कामयाबी की
जो हासिल है उसी को मुकद्दर माना जरूरी है
है आलिम के घर में रौनकें हजार फिर भी
गरीबों के घर में भी हो गुजर माना जरूरी...