...

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आओ हिंदी की महिमा सुनाते चलें
हम हैं क्या आज सबको बताते चलें
आओ हिंदी की महिमा सुनाते चलें

जब लिया जन्म तो रोए हिंदी में हम
मुस्कुराए अगर वो भी हिंदी में हम
तुतली भाषा मैं जब से लगा बोलने
'मांँ' 'पिताजी' भी बोले तो हिंदी में हम
मात्रि भाषा की कलियां लुटाते चलें
आओ हिंदी की महिमा सुनाते चलें

हम हैं क्या आज सबको बताते चलें
आओ हिंदी की महिमा सुनाते चलें

जितनी भी की पढ़ाई वो हिंदी में की
और हमने लड़ाई भी हिंदी में की
उम्र बीती मगर साथ इसका रहा
क्या कहूंँ,हाथ में हाथ इसका रहा
साथ हिंदी के कितने तराने बने
आओ अब ये कहानी सुनाते चलें

हम हैं क्या आज सबको बताते चलें
आओ हिंदी की महिमा सुनाते चलें

हमने हिंदी ही में बीए., एमए. किया
हमने जीवन इसी की शरण में जिया
नौकरी के लिए जब मैं आया शहर
बात ऐसी हुई जिसने ढ़ाया कहर
राग अंग्रेजियत के सब गाने लगे
पर हम हिंदी में कविता सुनाने लगे।

हम हैं क्या आज सबको बताते चलें
आओ हिंदी की महिमा सुनाते चलें

© Kaushal