...

11 views

पीहर 🥺
#विश्व_कविता_दिवस

पीहर!!!
आखिर क्या होता है ये पीहर
और क्यों हर लड़की का अपने पीहर से
एक अलग ही लगाव होता है

जन्म लेती है जिस आंगन में
मृत्यु तक जहां की बेटी कहलाती है
वो पीहर उसका उसे महफूज़ रखता है
जब मां बाप की याद बेटी को सताती है

नन्ही परी से यौवन तक का सफ़र
तय करती है यहां वो हर सुख दुख भोग
पढ़ाई, अटखेलियां, नाज़ यहां उठाती है
इस आंगन से जुड़ा है उसका हर शौक़

फिर एक दिन दुल्हन बन विदा हो जाती है
मानों जैसे पीहर से एकदम पराई कहलाती है
वो प्यार,वो दुलार,सब एक दिन खो जाना है
बाबू जी आपकी लाडली को
एक दिन पराया धन हो जाना है
पराया धन हो जाना है 🥺


© Aphrodite