ना होता मानव परेशान कभी
ठंडे पड़ रहे हैं रिश्ते आजकल
ठंडा हो चला है इंसानी लहू भी
ठंडे हो चले हैं संस्कार, संस्कृति
और बढ़ रही है ग्लोबल वार्मिंग
काट रहे हैं इंसान इंसानों को
कट रहे हैं रिश्ते एक दूसरे से
और परेशान कर रहे हैं हमें
कटते जंगल
आँखों में पानी सूख रहा है
आँखों में शर्म सूख चुकी है
सूखते नदी, तालाबों से
हम हैरान हो रहे हैं
बालों के...
ठंडा हो चला है इंसानी लहू भी
ठंडे हो चले हैं संस्कार, संस्कृति
और बढ़ रही है ग्लोबल वार्मिंग
काट रहे हैं इंसान इंसानों को
कट रहे हैं रिश्ते एक दूसरे से
और परेशान कर रहे हैं हमें
कटते जंगल
आँखों में पानी सूख रहा है
आँखों में शर्म सूख चुकी है
सूखते नदी, तालाबों से
हम हैरान हो रहे हैं
बालों के...