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विनेश फोगाट: दर्द ए दास्तां
मैं ख़ुद की जिंदगी पर लिखूँ..
या विनेश dii की कुर्बानियों पर दिल ए हाल बयां करूँ..
कैसे उनको यौन शोषण के आरोप में जंतर मंतर पर दिल्ली की गलियों में घुमाउं..
या 100 ग्राम कम वजन के कारण उनकी दर ब दर जिंदगी के हाल सुनाऊँ..
लोगों ने, उसूलों ने 100 ग्राम वजन को नाकामी का सिला दिया है..
ये तब कहाँ चले जाते हैं जब एक बेटा, पति, भाई सीमा पर शहीद होता है..
और उसके टुकड़ों टुकड़ों में शरीर को घर पर भेजा जाता है, तब इनके नियम कानून, उसूल, किस ग्रंथ में छिप जाते हैं..
जिस दिन उन dii को दिल्ली की सड़कों पर घुमाया..
तब ये देश, ये जनता कहाँ पर बैठ गई..
खैर
जब ham जैसी middle class family ki लड़कियों के exams m marks kam aate हैं..
तो हम ये दर्द भी नहीं झेल पाते है..
तो वो champion🏆 girl, Queen V 👑 अपने दर्द को कैसे झेल पा रही है..
आज वो शेरनी अपनी हिम्मत, अपना जज्बा, अपना रुतबा, अपना...