जमाना-ए-आजकल
आधुनिकता के इस दौर में इतना आगे बढ़ गए हैं हम
कि आठ बाई आठ के फ्लैट में ही पूरा खानदान हो गए हैं
संस्कारों को कब का भूल गया है सारा जनमानस,लेकिन
एक दूरभाष के साथ बच्चे बड़ों से पहले जवान हो गए हैं
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कि आठ बाई आठ के फ्लैट में ही पूरा खानदान हो गए हैं
संस्कारों को कब का भूल गया है सारा जनमानस,लेकिन
एक दूरभाष के साथ बच्चे बड़ों से पहले जवान हो गए हैं
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