...

5 views

चाहतों को मर जाने दो ज़रा
वादों और कसमों को
टूट जाने दो ज़रा।

नया नया गम मिला है
मुस्कुराने दो ज़रा।

अश्क़ों का मौसम ये
दिल बहलाने दो ज़रा।

की बरसना ही है इनको
दिल की ज़मीन पे कभी तो।

अभी धड़कनें मध्धम है
चाहतों को मर जाने दो ज़रा।


© paras