बिखर कर भी आज
बिखर कर भी आज
समेट रखा है खुद को
टूट कर भी आज
जोड़ रखा है खूद को
वदन पर साज सिंगार हैं
मगर कफ़न ओढ़ा रखा है खूद को
© lovely❤️
समेट रखा है खुद को
टूट कर भी आज
जोड़ रखा है खूद को
वदन पर साज सिंगार हैं
मगर कफ़न ओढ़ा रखा है खूद को
© lovely❤️
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