मुझे तुम पर विश्वास नहीं
आज किसी अपने ने कहा मुझसे...
"मुझे तुम पर विश्वास नहीं।"
सुनकर यह, धूमिल हो गईं संवेदनाएं कहीं,
शून्य हो गए विचार, और अश्रुओं की धारा बहीं,
कब खंडित हुआ ह्रदय, इसका अहसास भी नहीं।
तब ख़ुद से कहा मैंने, "मुझे भी किसी से आस नहीं"
"अब किसी प्रेम, किसी...
"मुझे तुम पर विश्वास नहीं।"
सुनकर यह, धूमिल हो गईं संवेदनाएं कहीं,
शून्य हो गए विचार, और अश्रुओं की धारा बहीं,
कब खंडित हुआ ह्रदय, इसका अहसास भी नहीं।
तब ख़ुद से कहा मैंने, "मुझे भी किसी से आस नहीं"
"अब किसी प्रेम, किसी...