बे़खुदी....💔
#SymbolicSaga
गलतफहमी का ज़हर कोई ऐसा उतरा ज़हन मैं
सारी यादे खाक हो गयी ज़लते बाजारों में,
रोज चलती हु नंगे पैर उन तेरे लब्जों के अंगारे पर,
फिर भी ना दिखी मासूमियत मेरी झलकते चिंगारे पर।
किसी दिन इस दुनिया से रूठकर अपना...
गलतफहमी का ज़हर कोई ऐसा उतरा ज़हन मैं
सारी यादे खाक हो गयी ज़लते बाजारों में,
रोज चलती हु नंगे पैर उन तेरे लब्जों के अंगारे पर,
फिर भी ना दिखी मासूमियत मेरी झलकते चिंगारे पर।
किसी दिन इस दुनिया से रूठकर अपना...