दिल के ज़ख्म
#दिल#के#ज़ख्म
आज फिर एक बार
दिल के ज़ख्म ताज़ा हो गए,
आज फिर एक बार दर्द के
उस दलदल में उतर गए,
दबा रखा था जो दर्द का
मंज़र अपने अंदर,
निकल गया वो आज फिर एक बार
बाहर ज्वाला बनकर,...
आज फिर एक बार
दिल के ज़ख्म ताज़ा हो गए,
आज फिर एक बार दर्द के
उस दलदल में उतर गए,
दबा रखा था जो दर्द का
मंज़र अपने अंदर,
निकल गया वो आज फिर एक बार
बाहर ज्वाला बनकर,...