मन के अल्फ़ाज़
मन के अल्फाज़
खुद को तोड़ हम यूं अलग बैठे है,
अपनी खामोशी को फिर से थाम कर बैठे है,
अकेले की इस सफर में,
साथ का वादा अधूरा रहा है,
फिर से...
खुद को तोड़ हम यूं अलग बैठे है,
अपनी खामोशी को फिर से थाम कर बैठे है,
अकेले की इस सफर में,
साथ का वादा अधूरा रहा है,
फिर से...