मयखाने
#मयखाने
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
काँपने लगे साकी के हाथ
छलकने लगे पैमाने हैं,
मयखाने दर मयखाने पड़ने लगे ताले
जाम पिलाने से लगे कतराने हैं।
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
काँपने लगे साकी के हाथ
छलकने लगे पैमाने हैं,
मयखाने दर मयखाने पड़ने लगे ताले
जाम पिलाने से लगे कतराने हैं।