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तसवीर
छम से गिर जाती है बूँदे
फिर तुम्हारी तसवीर देखकर मुस्कुराता हूँ
तुम्हें खुद मे पाता हूँ
जब जब भी
तुम्हारे ख्यालों मे खो जाता हूँ
मैं मूजको ही भूल जाता हूँ
अकेले बैठे बैठे
तुम्हारी बाते दोहराता हूँ
गीत वो प्यार वाले
अकसर गुनगुनाता हूँ
रूढ जाता हूँ तुमसे
पर सच तो ये है कि
खुद से ही रूढ जाता हूँ
देकर वास्ता तुम्हारा खुदको मनाता हूँ।
बहोत से रिश्ते है
पर दिल में सिर्फ तुम्हें बसाता हूँ
तुम होना...
इसलिए तो
सँभल पाता हूँ।।
कभी कभी तो बेहद
तुमसे भर जाता हूँ
फिर तुम्हारी तसवीर देखकर मुस्कुराता हूँ
सौम्यसृष्टि
© Somyashrusti
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