...

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#Krishna#
है क्यूं उदास, किसकी तुम्हे तलाश है।
तू मुझ से नाता जोड़ ले मैं प्रेम का समन्दर हूं।।


मैं ही सूर्य मैं ही चंद्र हूं ।
मुझमें सब देवता, मैं ही इंद्र हूं।।


है किससे भय, तु कर्म कर।
मैं पालनहार, मैं करुणामय सिकन्दर हूं ।।


किस किस में प्रेम तुम ढूंढ रहे।
सारा ब्रह्मांड मुझमें है, मैं तेरे ही अंदर हूं।।
© Abhi