...

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सुकून ए जिंदगी।
सुकून - ए - जिंदगी रुई का गदा बेच कर .. मैंने इक दरी खरीद ली , ख्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने और खुशी खरीद ली .. सबने खरीदा सोना .. मैने इक सुई खरीद ली , सपनो को बुनने जितनी डोरी खरीद ली .. मेरी एक खवाहिश मुझसे मेरे दोस्त ने खरीद ली , फिर उसकी हंसी से मैंने अपनी कुछ और खुशी खरीद ली .. इस जमाने से सौदा कर .. एक जिन्दगी खरीद ली , दिनों को बेचा और शामें खरीद ली .. शौक - ए - जिन्दगी कमतर से और कुछ कम किये फिर सस्ते में ही सुकून - ए - जिंदगी खरीद ली ।
© writecream