क्या करेंगे हम..
किसी अब अजनबी से दिल लगा कर क्या करेंगे हम,
कि अब उजड़े चमन में गुल खिलाकर क्या करेंगे हम!
हैं हम बिखरे हुए पत्ते हमें इन मौसमों से क्या,
ख़िज़ाँ के दौर में बारिश बुला कर क्या करेंगे हम!
बचा पाए ...
कि अब उजड़े चमन में गुल खिलाकर क्या करेंगे हम!
हैं हम बिखरे हुए पत्ते हमें इन मौसमों से क्या,
ख़िज़ाँ के दौर में बारिश बुला कर क्या करेंगे हम!
बचा पाए ...