...

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ढलता सूरज
कभी कभी हमे भी ढल जाना पड़ता है।
वक़्त के साथ कुछ कदम रुक ना भी पड़ता हैं।
उस सुबह का सूरज बनना है तो शाम को बुला कर कुछ पल हमे भी ठहर ना पड़ता है।

कभी कभी हमे भी ढल ना पड़ता हैं।
अगर कल का सूरज बनाना है।
तो शाम की ज्योत को भी जलाना पड़ता हैं।

पल दो पल थम जाना पड़ता है।
कुछ कदम चलेने को राहो को भी समझ ना पड़ता है।
उस छोटे से दस्तानों में भी बड़ासा अफसाना जो होता है।

अगर कल का सूरज होना है तो,
कभी कभी हमे भी ढल जाना पड़ता है।

-Anjali Joshi
-quotes_lover1023
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