ज़िन्दगी का रूपक
ज़िन्दगी का रूपक, जैसे एक बहती नदी,
कभी शांत, तो कभी मचलती है।
रास्ते में आती हैं कई अड़चनें,
फिर भी यह अपनी मंजिल तक पहुँचती है।
ज़िन्दगी का रूपक, जैसे एक किताब,
हर पन्ने पर एक नई कहानी लिखी होती है।
कभी हँसी, कभी आँसू, कभी खुशी,...
कभी शांत, तो कभी मचलती है।
रास्ते में आती हैं कई अड़चनें,
फिर भी यह अपनी मंजिल तक पहुँचती है।
ज़िन्दगी का रूपक, जैसे एक किताब,
हर पन्ने पर एक नई कहानी लिखी होती है।
कभी हँसी, कभी आँसू, कभी खुशी,...