क्या करते?
अंधेरे मांगने आए थे रोशनी की भीख,
हम दिल अपना न जलाते, तो क्या करते?
चाहते थे दिल खोल कर रोना,
हम दास्तां अपनी न सुनाते, तो क्या करते?
...
हम दिल अपना न जलाते, तो क्या करते?
चाहते थे दिल खोल कर रोना,
हम दास्तां अपनी न सुनाते, तो क्या करते?
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