...

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नववर्ष
सूर्य नया सा उगा यहाँ जो,
तम की छटा समिट आयी है,
मौसम बदला रुत है बदला,
बढ़ते जीवन की अँगड़ाई है

तुम भी ऐसे बढ़ो हमेशा,
उर के तम का नाश करोगे,
जीवन तेरा बड़ा सरल...