काली स्याही के अनेक रंग….!!!!!
ये काली स्याही की कलम….
ना जाने कितने रंगों से रूबरू कराती है ,
खुद बेरंग होकर हमको जिंदगी के हजारो रंग दे जाती है।। कभी कोई फसाना….
कभी मोहब्बत का तराना।।
कभी प्रेम का एहसास….
कभी रिश्तो को खोने का आभास।।
कभी उम्मीद की एक नई किरण….
कभी दे जाती है मुस्कुराने का कोई कारण।।
कभी बुझा देता है दो दिलों की आग….
कभी जला देती है खुशियों के चिराग़।।
कभी बढ़ा देती है फ़ासला….
कभी बदल देती है फैसला।।
कभी...
ना जाने कितने रंगों से रूबरू कराती है ,
खुद बेरंग होकर हमको जिंदगी के हजारो रंग दे जाती है।। कभी कोई फसाना….
कभी मोहब्बत का तराना।।
कभी प्रेम का एहसास….
कभी रिश्तो को खोने का आभास।।
कभी उम्मीद की एक नई किरण….
कभी दे जाती है मुस्कुराने का कोई कारण।।
कभी बुझा देता है दो दिलों की आग….
कभी जला देती है खुशियों के चिराग़।।
कभी बढ़ा देती है फ़ासला….
कभी बदल देती है फैसला।।
कभी...