...

7 views

ग़ज़ल
०रेत पर क़दमो के निशाँ छोड़ गया कौन?०
००००0०००००0००००००0००००००0००००

रेत पर क़दमों के निशां छोड़ गया कौन
दरिया पर अक्स अपना छोड़ गया कौन?

हम तो शाखों औ टहनी को थामे खड़े थे
एक पल में झटके से उसे तोड़ गया कौन?
...