अपनी जगह हर इंसान सही होता है
वो तेरा मेरी बातों का ना समझ पाना
ना देख पाना मेरे वो बहते आंसू
मेरी खामोशी को नाराज़गी का नाम दे देना
हर बार मेरी इक ही आदत पर सवाल उठाना
मेरा तुझसे लड़ना और फिर अचानक एक दिन सब देख कर...
ना देख पाना मेरे वो बहते आंसू
मेरी खामोशी को नाराज़गी का नाम दे देना
हर बार मेरी इक ही आदत पर सवाल उठाना
मेरा तुझसे लड़ना और फिर अचानक एक दिन सब देख कर...