लिखकर कविता मैं कैसा मह्सूस करता हूँ
लिखकर कविता मैं कैसा मह्सूस करता हूँ,
लिखकर कविता मै ऐसा मह्सूस करता हूँ।
मानो बागों में बहार हो,
यशोदा को मिला उनका लाल हो।
एक पिंजर से उरे परिंदे को मिला नया संसार हो,
एक माता को मिला उसके पुत्र...
लिखकर कविता मै ऐसा मह्सूस करता हूँ।
मानो बागों में बहार हो,
यशोदा को मिला उनका लाल हो।
एक पिंजर से उरे परिंदे को मिला नया संसार हो,
एक माता को मिला उसके पुत्र...