प्रिय..!
सुनो ना.. हवा में वबा फ़ैली है
तुम अपना ख़्याल रखना,
मुस्कुराना सबमें मेरे ना होने का
ना कोई.. मलाल रखना,
रोज़ सजना-संवरना
तुम मुझसा ना अपना.. हाल रखना,
देखना मुम्किन तो नहीं पऱ यह चाहूंगा
तुम माथे पे लट.. औऱ...
तुम अपना ख़्याल रखना,
मुस्कुराना सबमें मेरे ना होने का
ना कोई.. मलाल रखना,
रोज़ सजना-संवरना
तुम मुझसा ना अपना.. हाल रखना,
देखना मुम्किन तो नहीं पऱ यह चाहूंगा
तुम माथे पे लट.. औऱ...