सोचा कुछ लिखूं आज मोहब्बत पर
सोचा कुछ लिखूं मोहब्बत पर
जैसे ही कलम उठाया लिखने को
उनकी तस्वीर सामने आ गई
खो गई मैं ख्यालों में उनके
जुबान को मेरी शायरी आ गई
समझ ना पाई में...
जैसे ही कलम उठाया लिखने को
उनकी तस्वीर सामने आ गई
खो गई मैं ख्यालों में उनके
जुबान को मेरी शायरी आ गई
समझ ना पाई में...