...

5 views

कविता
गिरना, संभलना ये सब आम है,
कभी खुशी-कभी गम यहीं तो जिंदगी का नाम है।

कोई रहे कोई ना रहे जाना सबको है,
वक्त का कौन मालिक जिंदगी किसकी हकदार है।

टूट जाना, बिखर जाना फिर सिमट के उठ जाना,
कभी किसी का गम बाटना कभी किसी को ख़ुश कर...