पेशकश
पेशकश बड़ी शिद्दत से मुहब्बत की की थी
मौसम था सुहाना इसीलिये थोड़ी सी पीं थी
ना मालूम था उन्हे इस क़द्र नागवार गुजरेगा
हमने तो सौगंध भी उसी के इश्क़ की ली थी
था...
मौसम था सुहाना इसीलिये थोड़ी सी पीं थी
ना मालूम था उन्हे इस क़द्र नागवार गुजरेगा
हमने तो सौगंध भी उसी के इश्क़ की ली थी
था...