घिरा घनेरा है
1212 /1122 / 1212 / 22
दिया जो लाल-किला,ताज वो लुटेरा है
सहाब नफरतों का आ घिरा घनेरा है
बहुत था प्यार-मोहब्बत समाँ हसीं भी था
जहाँ थी चाँदनी फैली वहाँ अँधेरा है
मयूर नाच दिखाते नहीं है मधुबन में ...
दिया जो लाल-किला,ताज वो लुटेरा है
सहाब नफरतों का आ घिरा घनेरा है
बहुत था प्यार-मोहब्बत समाँ हसीं भी था
जहाँ थी चाँदनी फैली वहाँ अँधेरा है
मयूर नाच दिखाते नहीं है मधुबन में ...