...

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सुबह की खामोशी
आज की सुबह में कुछ अजीब सी खामोशी है,
सूरज की किरणें भी हमने शीतल होते देखी है,
चिड़ियों की चहचहाहट में भी हमें कुछ सुकून दिख रहा है,
निर्मल झरनों की बूंदो में भी हमें खाली पन लग रहा है,
खिलते फूलों में भी खुश्बू की कमी लग रही है,
ओस की सूखी बूंदो में भी हल्की सी नमी लग रही है,
ये सुबह के सूने सूने लम्हें कोई कहानी कह रहे हैं,
जैसे मुझे कोई कीमती पुरानी निशानी दे रहे हैं,
© ✍️Writer-S.K.Gautam1346