फिर एक बार कोशिश करते हैं।
कहते हैं वक्त सभी के बदलते हैं,
टूटे तारे भीसांत्वना चमकते हैं,
सौ बार हरे तो क्या,
फिर एक बार कोशिश करते हैं।
आज तारों की चादर तले,
खुद को सांत्वना की लोरी सुना कर
खाली पेट तन्हाई के संग सोते हैं,
मन में एक नए सवेरे की...
टूटे तारे भीसांत्वना चमकते हैं,
सौ बार हरे तो क्या,
फिर एक बार कोशिश करते हैं।
आज तारों की चादर तले,
खुद को सांत्वना की लोरी सुना कर
खाली पेट तन्हाई के संग सोते हैं,
मन में एक नए सवेरे की...