डूबना ही था,,,,,
बीच समुन्द्र घर बनाया था मैने अपना डूब गया डूबना ही था,,,,,,,,,,,फिर एक नाव मिली छोटी सी डूब कर जाना था पार,,,।नाव मुझे चला रही थी या में नाव को चला रही थी पता करना ही था,,,,, मेंऔर नाव दोनों चल रहे थे कि रात हो गई,,, दूर से एक टापू दिखा मुझे ,,मन किया रात बितादू यहां ये तो अब होना ही था,,,,,टापू भी खुश था पहली बार कोई आया था उससे मिलने,,, रात बड़ी सुहानी थी टापू बड़ा हराभरा था मन किया कि यही बस जाऊ हमेशा के लिए भूल गई थी कि ये भी बीच समुन्द्र ही है मुझे अब उसका ही होना था,,,,,,,। एक दो दिन की ये कहानी थी जिसे खत्म होना था यही मेरी कहानी थी,, आया बड़ा तूफान सागर में डूब गया टापू और धकेल दिया मुझे एक ओर ,,, होश आया तो देखा टापू था बहुत दूर और मेरी वो छोटी सी नाव भी छूट चुकी थी अब क्या ये सब मुझे सहना ही था,,,,,,,, मुझे अब डूबना ही था,,,,, बीच समुन्द्र घर बनाया मैने डूब गया उसे डूबना ही था,,,,,,,,मैं आज भी वही गोते खा रही हूं ना डूबती हूं ना किनारा मिलता है,,,, नाव का इंतजार रहता है कम से कम सहारा तो था,,,, उसे भी शाएद डूबना ही था,,,,,,,,, टापू भी बड़ा बेरहम निकला आसरा ना दे सका वो और छोड़ दिया मुझे डूबने के लिए,,, अब में और मेरी तनहाई बीच समुद्र डूब रहे हैं में खुश हूं अब कम से कम मेरे साथ कुछ तो है मेरा अकेलापन जिसने सिखाया मुझे किसी पर भरोसा ना करो,,,, भरोसा तो टूटना ही था मुझे बिल्कुल डूबना ही था,,,,, बीच समुन्द्र घर बनाया अपना डूब गया उसे डूबना ही था,,,,, उसे डूबना ही था,,,,,
© #mohini
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