ख्वाहिश उसके संग रंग में रंगने की
ख़्वाहिश मेरी भी है
वह अपने गालों से
मेरे गालों पे गुलाल लगाएं
मैं बंद करूं आंखें तो
वो आहिस्ता़ से पास आकर
मेरे माथे को चूम जाए
उसके हर रंग में रंगना है
मैं सोच रही हूं कब से
हर रंग से सराब़ोर होकर
वो मुझे अपने गले से लगाए
और...
हाथों में पकड़ हाथ मेरा
वो खींचते हुए मुझे रंगों के पास ले जाए
फिर धीमे से कहे वह मुझसे
चल इन रंगों को एक दूजे पे बिखराकर
क्यों ना खुशी से "खुशी" के साथ होली मनाए।
शिवानी सूर्यवंशी (खुशी)
वह अपने गालों से
मेरे गालों पे गुलाल लगाएं
मैं बंद करूं आंखें तो
वो आहिस्ता़ से पास आकर
मेरे माथे को चूम जाए
उसके हर रंग में रंगना है
मैं सोच रही हूं कब से
हर रंग से सराब़ोर होकर
वो मुझे अपने गले से लगाए
और...
हाथों में पकड़ हाथ मेरा
वो खींचते हुए मुझे रंगों के पास ले जाए
फिर धीमे से कहे वह मुझसे
चल इन रंगों को एक दूजे पे बिखराकर
क्यों ना खुशी से "खुशी" के साथ होली मनाए।
शिवानी सूर्यवंशी (खुशी)