खामोश रहता हूँ
दिल की हर बात लबों पर रोके रहता हूँ
भरी महफ़िल मे भी
चुपचाप किनारे पर खडा रहता हूँ
खामोशी से खड़े
बीते हुए लम्हो को याद करता रहता हूँ
बीत चुके उन लम्हों को कर के याद
आँखो से आँसू बहाये...
भरी महफ़िल मे भी
चुपचाप किनारे पर खडा रहता हूँ
खामोशी से खड़े
बीते हुए लम्हो को याद करता रहता हूँ
बीत चुके उन लम्हों को कर के याद
आँखो से आँसू बहाये...