मगरूर इश्क का जवाब
तुम्हारे एहसानों का बदला, भला हम कैसे चुका पाएँगे ?
पर इन सिले की शुक्र गुज़ारी, हम जरुर करते रहेंगे ।
तुमसे मिली ज़ख्मों के वजह से तो बने हैं हम इतने शख्त व मजबूत ।
वर्ना जिस बेवफ़ाई के लिए टूटे थे हम, छोड़ा था कहाँ तुमने उसका कोई सबूत ।।
तुम्हारे एहसानों का बदला, भला हम कैसे चुका पाएँगे ?
पर इन सिले की शुक्र गुज़ारी, हम जरुर करते रहेंगे ।
गर तुमसे हामी सुन लिया होता, तो फिर हम काबिल न बन पाए होते ।
क्यूँके तुम जैसी घमंडी… हमें इंसान तो क्या गुलाम बनाकर जरूर छोड़ गए होते ।।
तुम्हारे एहसानों का बदला, भला हम कैसे चुका पाएँगे ?
पर इन सिले की शुक्र गुज़ारी, हम जरुर करते रहेंगे ।
सीने की दर्द...
पर इन सिले की शुक्र गुज़ारी, हम जरुर करते रहेंगे ।
तुमसे मिली ज़ख्मों के वजह से तो बने हैं हम इतने शख्त व मजबूत ।
वर्ना जिस बेवफ़ाई के लिए टूटे थे हम, छोड़ा था कहाँ तुमने उसका कोई सबूत ।।
तुम्हारे एहसानों का बदला, भला हम कैसे चुका पाएँगे ?
पर इन सिले की शुक्र गुज़ारी, हम जरुर करते रहेंगे ।
गर तुमसे हामी सुन लिया होता, तो फिर हम काबिल न बन पाए होते ।
क्यूँके तुम जैसी घमंडी… हमें इंसान तो क्या गुलाम बनाकर जरूर छोड़ गए होते ।।
तुम्हारे एहसानों का बदला, भला हम कैसे चुका पाएँगे ?
पर इन सिले की शुक्र गुज़ारी, हम जरुर करते रहेंगे ।
सीने की दर्द...