...

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खाली
इतने भी अकेले नहीं
की तेरे साथ को तरसें
इतना भी याद नहीं आते तुम
की ये आंखें रोज बरसें।

हाँ माना की तुम बहुत खास हो
रहोगे हमेशा दूर ही,
मगर दिल के बहुत पास हो।
पर हम इतने भी मजबूर नहीं
की तुम्हे बार बार बुलाए,
जबकि तुम बैठे रहो हमे भुलाए।

हाँ जानते हैं बात बात पर हमेशा
याद तुम्हारी आयेगी,
काश तुम कभी समझ पाते ये कमी सताएगी ।
लेकिन आदत भी तो हमने इतनी अच्छी पाली है
की दिल को समझा देते हैं सब ठीक है,
जब की अंदर सब कुछ खाली है।

हां अंदर सब कुछ खाली है
पर इस खालीपन को भरना नहीं चाहते,
यूं तो हर पल जी रहे हैं तुम्हारे बिन
लेकिन ऐसे हम जीना नहीं चाहते।
© accio thoughts