गम के मयखाने
#मयखाने
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
मेरे सिवा खाली सारे मयखाने है
शमा से इश्क कर आग मे
जलते तो सिर्फ परवाने है
कहानियाँ बनती बिगडती है
दिलों मे दफन तो अफसाने है
पहले प्यार के नाम पर ही
धड़कते थे दिल
अब प्यार भी है कई रंग
ये नये जमाने है
जिया करते थे वो भी
खामोश जुबां के साथ
महबूब का नाम लेकर
मर जाये वो भी तो दीवाने हैं
मासूम था चेहरा उनका
समझ न सके हम आँखों को
हमारे पास अब बहुत गम के खजाने हैं ।
sangeeta ( chandny)
14/4/2022
© All Rights Reserved
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
मेरे सिवा खाली सारे मयखाने है
शमा से इश्क कर आग मे
जलते तो सिर्फ परवाने है
कहानियाँ बनती बिगडती है
दिलों मे दफन तो अफसाने है
पहले प्यार के नाम पर ही
धड़कते थे दिल
अब प्यार भी है कई रंग
ये नये जमाने है
जिया करते थे वो भी
खामोश जुबां के साथ
महबूब का नाम लेकर
मर जाये वो भी तो दीवाने हैं
मासूम था चेहरा उनका
समझ न सके हम आँखों को
हमारे पास अब बहुत गम के खजाने हैं ।
sangeeta ( chandny)
14/4/2022
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