...

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इश्क में भटके हुए
मुझे मिलते है मेरे अपने भी
बनकर मेहमान मिलते है

फुल खुशबू बहार सौगातें
बनकर अहसान मिलते है

एक मैं जो उससे मिलकर
खुद से भी नही मिला
एक वो जो मिलते है तो
हो कर परेशान मिलते है

यारो शेर सुनो ........

दर्द गम जख्म सितम
एक इश्क में देखो
कितने नुकसान मिलते है

हो जाता है वक्त के साथ
बेवफा शायर
इश्क में मरते हुए
अक्सर नादान मिलते है

निकाल लेते हैं
जान दिल की
वो लोग
जो कह कर जान मिलते है

इश्क में भटके हुओ को
कहां मिलता हैं आशियां
इश्क में भटके हुए
कब्रिस्तान मिलते है


© दीप