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वो लड़की
बड़ी मनहूस है, वो नहीं आएगी
दिल पत्थर का है उसका, क्यों ना हो
दिल पे पत्थर लेके चलती है
प्रेम में पिघलती नहीं, जीवन में तिल तिल जलती है,
तुम्हारा तोरण नहीं बनेगी , पहले अपना घर सजाएगी ,
बड़ी मनहूस है, वो नहीं आएगी
मद करके आंखों के विष को , पलट के प्राण लेती है ,
उसके निर्मल शब्दों में मानो अग्नि की खेती है
एक ही बार हारी थी अब नहीं पछताएगी
बड़ी मनहूस है वो नहीं आएगी
दर-दर जाकर भूखी ने , ठोकर ही ठोकर खाई थी
एक समय था कि हर दरवाजे पर उसकी आहट आई थी
लपट को ऐसी हवा दे दी कि , अब सागर ही खा जाएगी
बड़ी मनहूस है वो नहीं आएगी।।
दिल पत्थर का है उसका, क्यों ना हो
दिल पे पत्थर लेके चलती है
प्रेम में पिघलती नहीं, जीवन में तिल तिल जलती है,
तुम्हारा तोरण नहीं बनेगी , पहले अपना घर सजाएगी ,
बड़ी मनहूस है, वो नहीं आएगी
मद करके आंखों के विष को , पलट के प्राण लेती है ,
उसके निर्मल शब्दों में मानो अग्नि की खेती है
एक ही बार हारी थी अब नहीं पछताएगी
बड़ी मनहूस है वो नहीं आएगी
दर-दर जाकर भूखी ने , ठोकर ही ठोकर खाई थी
एक समय था कि हर दरवाजे पर उसकी आहट आई थी
लपट को ऐसी हवा दे दी कि , अब सागर ही खा जाएगी
बड़ी मनहूस है वो नहीं आएगी।।
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