दास्तान ए इश्क ❤️
बारिश का मौसम
आंखों की अहाटें
हम तुम और कोई फिसलने की आवाज
अचानक! सब खामोश
वापिस बूंदों को गिरने की आवाज़
खिलखिलाती हुई हमारी खामोशियां
अजीब सी रातें, गज़ब सी बातें
याद है वो कुछ??
याद है तुम्हे क्या??
फिर पीछे मुड़ने के नाटक से
निगाहें मिलते हुए
हाए! शर्मा जाती थी हवाएं भी
वो जो आंखों की गुस्ताखियां
तुम्हारे एक नजर से...
आंखों की अहाटें
हम तुम और कोई फिसलने की आवाज
अचानक! सब खामोश
वापिस बूंदों को गिरने की आवाज़
खिलखिलाती हुई हमारी खामोशियां
अजीब सी रातें, गज़ब सी बातें
याद है वो कुछ??
याद है तुम्हे क्या??
फिर पीछे मुड़ने के नाटक से
निगाहें मिलते हुए
हाए! शर्मा जाती थी हवाएं भी
वो जो आंखों की गुस्ताखियां
तुम्हारे एक नजर से...